मंगलवार, 25 अगस्त 2020

अंतस में दर्ज मधुमास के अनावरण का नाम है 'फरवरी नोट्स'


बारिशें लौटकर आती हैं, पतझड़ और वसंत लौटकर आता है, ठीक इसी तरह पहला प्यार भी जीवन के किसी ना किसी मोड़ पर अवश्य लौटकर आता है, चाहे वह स्मृतियों के रूप में या सदेह हो। मन के श्याम पट्ट पर स्नेह के श्वेत अक्षरों में लिखे गये शब्द समय के डस्टर से मिटाए नही मिटते। जीवन की आपा धापी में जब वे अक्षर हमारी देहरी पर आकर खड़े होते हैं तो लगता है कि एक बार फिर फरवरी ने दिल के द्वार खटखटा दिए हों।

                         


मधुमास के नुपुर खनखनाने लगते हैं. घर और दफ्तर का शोर अतीत की मधुर ध्वनियों में विलीन होने लगता है उस पार जाने के लिए वर्तमान की खाई के ऊपर पुल बनने लगता हैं। फरवरी हर साल आती है लेकिन जिस पर हमने कोई हर्फ़ लिखा है वह फरवरी जीवन में एक ही बार आती है। फिर से उसके वासंती पन्नों पर कुछ नोट्स लिखने की कोशिश होती है पर जैसे लिखे को मिटाना मुश्किल है वैसे ही धुंधले हो चुके अक्षरों के ऊपर लिखना भी मुश्किल होता है। फरवरी नोट्सइन्ही मुश्किलों, नेह छोह के संबंधों और मन की छटपटाहटों की कहानी समेटे हुए है। यह कहानी मेरी है, यह कहानी आपकी है, यह कहानी हर उस व्यक्ति की है जिसके हृदय में स्पंदन है और स्मृतियों में कोई धुंधली सी याद जो एक निश्छल मुस्कुराहट का कारण बन जाती है।

प्रकाशक : हर्फ़ पब्लिकेशन 

मूल्य २०० रूपये अमेज़न लिंक 

 
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5 टिप्‍पणियां:

Onkar ने कहा…

बहुत बढ़िया

मन की वीणा ने कहा…

पुस्तक के बारे में सुंदर जानकारी।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत बहुत बधाई हो पवन जी ... उत्सुकता जाग रही है किताब की ... मेरी शुभकामनाएँ ...

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर = RAJA Kumarendra Singh Sengar ने कहा…

पहले पढ़ें फिर लिखें

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा। पुस्तक के लिए बधाई।