प्यासी प्यासी नदी रहेगी जंगल जंगल रोयेगा।
सागर सा तन लिये उदासी मन गंगाजल रोयेगा।।
सागर सा तन लिये उदासी मन गंगाजल रोयेगा।।
बहते दरिया को गर यूँ ही जंजीरों में बाँधोगे,
जिस दिन सावन आयेगा उस दिन ये बादल रोयेगा।।
जिस दिन सावन आयेगा उस दिन ये बादल रोयेगा।।
कभी नही लौटा बेटा जिस दिन से जा परदेस बसा,
अबकी बारिश में भी अम्मा का फिर आँचल रोयेगा।।
सुना कि फिर से जहर पिया है इक दीवानी मीरा ने,
उस पगली के नाम से अब ये कान्हा पागल रोयेगा।।
उस पगली के नाम से अब ये कान्हा पागल रोयेगा।।
जब जब दो दिल प्यार करेंगे याद तुम्हारी आयेगी ,
मेरी आँखे हँस देंगी पर तेरा काजल रोयेगा।।
मेरी आँखे हँस देंगी पर तेरा काजल रोयेगा।।