मंगलवार, 12 मई 2015

थोड़ी देर सही

बात समझ में आ जाएगी थोड़ी देर सही
सारी उलझन थम जाएगी थोड़ी देर सही।

गुमसुम गुमसुम क्यूँ बैठे हो कोई बात करो
बात बात में बन जाएगी थोड़ी देर सही।

तुम भी बादल बन जाओगे बरसोगे भीगोगे
मेरी दुआ असर लाएगी थोड़ी देर सही।

नींद न आए आँखों में ख़्वाब कोई भर लेना
ऐसे रात गुजर जाएगी थोड़ी देर सही।

नफरत से ही सही पर कुछ मुझसे बात करो
तुमको मुहब्बत हो जाएगी थोड़ी देर सही।