शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

ऋषि कलाम: मेरे हीरो

'कलाम' शब्द की ऊर्जता से  मै अपनी चेतना के प्रारंभिक दिनों से ऊर्जित होता आया हूँ. यह शब्द मुझे गीता के श्लोक  और कुरआन की आयतों की तरह पवित्र और आह्लादकारी लगता है. मै कलाम साहब  लिए 'ऋषि' शब्द का प्रयोग करता हूँ. मुझे मार्गदर्शन देते हुए मेरे हीरो अव्यक्त रूप में हमेशा मेरे पास रहते है. मै इन पर ज्यादा कुछ लिख नहीं पाऊंगा. लेखन से परे का शब्द है 'कलाम'. मै इस समय गुड खाने वाले गूंगे के सरीखा हूँ जो मिठास बता नहीं पायेगा.  लेखनी अपने आप डोली है जिसे नीचे पिरो दिया है.

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आप मिसाइल मैन है या
एक मिसाल ,
जो हम जैसो के लिए बन गए है।
लेकिन,
आपकी सटीक परिभाषा दूंगा
एक मशाल के रूप में ।
आपने ता-उम्र जलकर
रोशनी दी है
सौ करोड़ से अधिक आत्माओं के लिए
आप बनगए है
अक्षय ऊर्जा स्रोत।
आपकी रहस्यमयी मुसकान
मुझे चुनौती देती है
और प्रेरित करती है
'दिया' बन जाने को
हताशा के अँधेरे में ,
और
भय की ठिठुरन में
'अग्नि' बन जाने को।
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