इस नवरात्र के पावन अवसर पर मै सभी से एक बात कहना चाहता हूँ कि माता को प्रसन्न करने के लिए व्रत रतजगे कन्याभोज पूजा पाठ इत्यादि सब तब तक व्यर्थ है, केवल पाखण्ड मात्र है जब तक मन साफ़ नही है इस नवरात्र में यदि आप अगर माता रानी की पूजा करना चाहते है तो सबसे पहले एक काम करिए कि माँ को गाली देना बंद करे . नारी को लक्षित समस्त प्रकार की गालियों का उन्मूलन के अलावा कोई भी माध्यम नही है जिससे आपकी आराधना सफल हो . इस बार आप सब गाली न देने का व्रत करे और इसे पूरे जीवन पर्यंत निभाये इससे अच्छी पूजा और भेंट माँ नवरात्री में और हो ही नहीं सकती
मेरी प्रार्थना
अपनी दुर्बलताओ से जीतू शक्ति देना जगदम्बे
दुनियावी जालो से निकलू संबल देना माँ अम्बे
जयकारा रतजगा जागरण कभी नहीं कर पाऊंगा
मन ही मन में एक बार बस एक बार तुम्हे बुलाऊंगा
मेरी मद्धिम सी पुकार पर तुमको आना होगा
मै सोया रहता हूँ माते मुझे जगाना होगा
भले बुरे का परिचय देना और अंधेरो में ज्योति
गहरी पीड़ा से मुक्ति नहीं सहने की देना शक्ति
अंधियारों में दीपक बन जल जाने की इच्छा है
मानवता की सेवा में बलि जाने की इच्छा है
सदा रहे आशीष तुम्हारा छोटी सी ये अर्जी माँ
मुझमे मेरा जो कुछ है वो तेरा ही निमित्त है माँ
मुझमे मेरा जो कुछ है वो तेरा ही निमित्त है माँ