शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

दिल्ली में उड़नतश्तरी देखी गयी है।



समीरलाल 'उड़नतश्तरी'  जी का दिल्ली आगमन आनन फानन में ब्लॉग मीट के आयोजन का हेतु बन गया और इसके निमित्त बने भाई राजीव तनेजा । हिंदी ब्लॉगिंग  जब अपने शिखर पर थी तो हर ब्लॉग चाहे वह एक दिन पहले ही क्यों न बना हो या ब्लॉगर कोई अनचीन्हा हो या पोस्ट में कितना कच्चापन  क्यों न हो पोस्ट पर एक टीप 'उम्दा' की अवश्य होती थी, और जब उस टिप्पणीकार के ब्लॉग को देखते तो वह ब्लॉग उस समय के सबसे लोकप्रिय ब्लॉगर समीरलाल जी 'उड़नतश्तरी' का हुआ करता था। आज की मीट में 'उन दिनों' को याद किया गया।

डॉ अमर याद आये, जीके अवधिया, अविनाश वाचस्पति, अलबेला खत्री याद किये गए। ब्लॉगिंग में खोंच लगाने वाले भी याद किये गए। याद किया गया कि किस तरह एक पोस्ट तैयार होती थी फिर उस पर कमेंट का इंतजार किया जाता था। परिकल्पना के अंतरराष्ट्रीय मीट भी याद किये गए। रवींद्र प्रभात, रश्मि प्रभा योगेश समदर्शी की चर्चा हुई। खुशदीप भाई का ब्लॉग को छोड़ना, दिल्ली का ब्लॉग मीट फिर लखनऊ के किस्से कहानी, ब्लॉग पर धक्कामुक्की, बीच बीच मे ब्लॉग के फिलर किलर झपाटा, बेनामी वगैरह की भी चर्चा होती रही। महफूज अली को खासतौर से याद किया गया। नारी ब्लॉग समेत तमाम साझे ब्लॉग के लेखन की चर्चा हुई।

ट्रैवलर नीरज जाट, ललित शर्मा और दो तीन नाम उनके कारनामे हंस हंस के याद किये गए। सतीश सक्सेना जी की धमकी याद की गई। रूप चंद्र शास्त्री जी को उनके लगातार ब्लॉग लिखने की प्रतिबद्धता को सराहा गया। अनवर जमाल को मैंने बड़े प्रेम से याद किया 😊😊 । मासूम भाई को अमन के पैगाम के लिए याद किया गया।ताऊ रामपुरिया, जाट देवता की बातें, अनूप शुक्ल दद्दू की लंबी पोस्ट पर चर्चा की गई। दिगम्बर नासवा, तारकेश्वर गिरी,बाबू पद्म सिंह, डॉ कुमारेन्द्र सिंह सेंगर , काजल कुमार, केके यादव सुनीता शानू, अर्चना चावजी की बातें हुईं।

बीच बीच मे खुशदीप भाई और शाहनवाज में राजनीतिक चर्चा होने लगती टी एस दराल साहब भी उसमें शामिल हो जाते तो वंदना जी को उन्हें वापस साहित्यिक बातों पर लाना पड़ता। संजू जी बीच बीच मे खाने का भी इंतजामात किये हुए थीं। फिर क्या ब्लॉग अकादमी का प्रस्ताव तुरत फुरत खुशदीप भाई की तरफ से आया जिसका मैंने उसी तेजी से अनुमोदन कर दिया। प्रस्ताव ध्वनिमत के साथ पारित हो गया।  चूंकि कार्यक्रम बहुत जल्दी में बनाया गया तो अधिकांशतः ब्लॉगर आ नही पाए लेकिन उन्हें निराश होने की कोई भी जरूरत नही। एक मार्च को रेखा जी की पुस्तक का विमोचन और ब्लॉग चर्चा का आयोजन 973 मुखर्जी नगर में प्रस्तावित है। सभी अपने ब्लॉग को पुनर्जीवित कर लें क्योंकि एक मार्च को आप सभी ब्लॉगर्स लिए कुछ उत्साहजनक सूचनाएँ मिलेंगी।