डिस्क्लैमर: अगर ये आप अपनी बात समझ रहे तो मात्र सन्योग के अलावा कुछ नही :):):)
रामलाल! काठमांडु चलबे का रे?
रामलाल! काठमांडु चलबे का रे?
काहे सामलाल?
अरे उहाँ इज्जत दी जायेगी सम्मान होगा.
नाही रे! हमका लपूझन्ना समझे हौ का? हम एतना पईसा खरच करके इज्जत नाही लेबे.
अरे धुत बुडबक अबकी पईसा ना देवे के पडी.
काहे रे अबकी पईसवा कहा से आवा?
चोप्प! एक त ससुरे के इज्जत देई जात है दूसरे कोश्चन करत बा.
अरे रमललऊ ! सूचना के अधिकार त हमै सरकार दिहे बा.
तोहरे जईसे डपोरसंख गदहा केत मुहे नाही लागै चाहे अरे सरऊ जरमनी कबहू गये हो... नाही ना कहि रहे है हम तोहार नाम के गदहा सम्मान के खातिर प्रस्तावित कई दिहे हई तब्बौ तू एतना भाव खाये रहे हो. जरमनीके फीलिंग चोपचाप काठमांडु मे लेई लो... जब परसाद बांटा जाय रहा है तो दुईनो हाथ बटोरो... एहि बहाने..जादा पचर पचर किहे से का फायदा.
भईया सामलाल फुनि ई बतावा हमे काठमांडु जायके पईसवा के दे? बडी मोस्किल से इंटरनेट के पैक भराई पाते है उहौ मेहरारू से बचाय के.
तू सारे दुई कौडी के मनई जब मेहरारू से चोप्पे पैक भरा लेते हो तो एकाध गहना बेचि नही सकते? खेत बेंच,बाग बेंच गहना गुरिया बेंच, कुच्छौ कर पर काठमांडु चल.. ई अनतरराष्ट्रीय परोगराम हवे.
ए समललऊ! अब तू चोप होई जा नाही त देब खाई भर के, भग सारे हिया से. हम घर द्वार बेंचि के काठमांडु जाई. हमार दिमाक खराब बा का रे? सारे निपुछिया हमके अऊर काम धाम नाही बा का? हमका परभात समझे हये का रे! लंगोटिया पे फाग थोरहू खेलबे... तू सरऊ भागिन जा हिया से नाही दे डंडा बोकला निकोल देब...
16 टिप्पणियां:
नेपाल में तो सुना मग्गिंग करने वाले पहले से ही हैं
वाह आनन्द आ गया!
अब ठेकेदारों के आपके खिलाफ हो जायेंगे!
चोप्प! एक त ससुरे के इज्जत देई जात है दूसरे कोश्चन करत बा.
:)
हा हा हा , एकदम चौचक बा .
आज की ब्लॉग बुलेटिन गुड ईवनिंग लीजिये पेश है आज शाम की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
oho,,behad dilchasp.....
वाह! का पोस्ट लागैएल हो भैया | एक दम जोरदार | बहुते बड़ियाँ |
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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हम्म.
काठ के मंडुआें के लिए फ़्लाइट कौन सी ठीक रहेगी (?) भारत-नेपाल-जर्मनी-भारत या, भारत-जर्मनी-नेपाल-भारत
क्या मतलब ?
very datamination...sir ji
Bahut Khub Sir ji
बहुत खूब मिश्रा जी
तेरे मन में राम [श्री अनूप जलोटा ]
लागतबा राम लाल काठमांडू चला गयेन......
नाही रे! हमका लपूझन्ना समझे हौ का? हा हा हा
खूब खुराफ़ाती पोस्ट है। :)
काहे भैया रामलाल ..काठमांडू अउर जर्मनिवा का चीज अहेइ ,अरे तुहुंका अमेरिका घुमाए देई ,,,अरे जब एक से एक गदहा राजनित्वा माँ आई के दुनिया घूमत अहें तो तुहूँ ,,पिछड़ा गदहा दलित पार्टी बनाई लेउ न ..फिर चाहे काठमांडू घूमो चाहे अमेरिका ...हाँ नाही तव
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