खेतों में बागो में दियना करे उजास,
मीठी सी लौ भर रही चारो ओर मिठास.
दसो दिशाओं में घुली भीनी-भीनी गंध,
कण-कण पुलकित हो उठे लूट रहे आनंद.
नयी फसल लेकर आयी घर में गुड औ धान,
लईया खील बताशों से अभिनंदित मेहमान.
गेरू गोबर माटी से लिपा पुता है गाँव,
घर से भगे दलिद्दर सर पे रखकर पाँव.
झांझ मजीरा ढोलक बाजे झूम रही चौपाल,
नाचे मन हो बावरा देकर ताल पे ताल.
फूटी मन में फुलझड़िया पूरण होगी आस,
परदेसी पिऊ आ गए गोरी छुए अकास.
दीवाली ने कर दिया ज्योतिर्मय संसार,
सबके आँगन में खिले सुख समृद्धि अपार.
14 टिप्पणियां:
क्या बात है! क्या जलवे हैं उजास के। दीपापली की मंगलकामनायें।
बहुत सुघर है जी . दलिद्दर तो भगबे करेगा . मनाओ दियादियारी . हमरा शुभकामना हैये है .
बहुत सुन्दर ...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
दीवाली ने कर दिया ज्योतिर्मय संसार,
सबके आँगन में खिले सुख समृद्धि अपार.
..आमीन!
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामना
वाह वाह सर! क्या बात है :)
बहुत ही शानदार लिखा है आपने।
दीपावली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ!
सादर
दीवाली ने कर दिया ज्योतिर्मय संसार,
सबके आँगन में खिले सुख समृद्धि अपार.
उत्तम.
दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ...
बहुत सुंदर .. दीपावली की शुभकामनाएं !!
bahut pyaari rachna.diwali ki shubhkamnaye.
Bahut hi sundar .
bhaut hi khubsurat.... happy diwali....
बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुत की आपने...
आपको दीप पर्व की सपरिवार सादर बधाईयाँ....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. गांव कि याद आ गयी.
दिवाली की शुभकामनायें.
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है.
www.belovedlife-santosh.blogspot.com (हिंदी कवितायेँ)
हमने दिए जलाये खुशियों के वास्ते
खुशियाँ हम तक आयीं दीवाली के रास्ते
दीपावली की बहुत .......शुभ कम्नाये
thanks mishra ji bahut achhi rachna hai ...vah bhai vah sprem aabhar .
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