शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

"उम्मीदवार कैसा हो जिसे हम निश्चित वोट देगे" .

कल एक मीटिंग के दौरान यह बात सामने आई की मतदाता मतदान के समय उम्मीदवार को भूल हवा के रुख के साथ अपना मत देता है.यह हवा मंडल कमंडल वादी, जातिवादी व्याक्तिमूलक या सत्ता विरोधी लहर जैसे स्रोतों से चलती है. निष्कर्ष यह है कि मतदाता मात्र साधन या माध्यम होकर रह जाता है. इस सन्दर्भ  में मैंने एक प्रयोग करने का निश्चय किया है. कानपुर की एक विधानसभा गोविन्द नगर मेरा अध्ययन क्षेत्र है. एक प्रश्नावली बना रहा हूँ  जो "उम्मीदवार कैसा हो जिसे हम निश्चित वोट देगे" के शीर्षक से है. इस प्रक्रिया में आपके सुझावों की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि  मेरा मानना है कि सीखने के क्रम में अनुभव बड़ा  काम आता है..अतः प्रश्नावली के प्रश्न कैसे हो अवगत कराईयेगा. समय सीमा २४ सितम्बर है.




7 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

sir i think the leader should be a social thinker and at least graduate.

""उम्मीदवार कैसा हो जिसे हम निश्चित वोट देगे" ." ने कहा…

शुक्रिया शास्त्री जी

PAWAN VIJAY ने कहा…

शुक्रिया शास्त्री जी

ashish ने कहा…

मताधिकार का प्रयोग तो जनहित कार्य में निपुण उम्मीदवार के पक्ष में ही करना चहिये . ये बात अलग की निपुणता का मतलब हर व्यक्ति के लिए अलग होता है .

sourabh sharma ने कहा…

जब नागनाथ और सांपनाथ मैदान में खड़े हों तो कैसे सही का चुनाव किया जाए।

बेनामी ने कहा…

1. We must look at the candidates history, how is his behaviour in society, is he one who always tries to take advantage of system loophole for himself or he is the one who is doing all this for social benefit (no doubt today every one flays the rules)

2. Is he putting people/country cause ahead or party & self?

3. Does he take intrest in political process, does he knows how our parliament runs? Or he is one of the halla brigade?

4. He must be educated, progressive mind. opposing appeasement policies & looking for development.

दीपक कुमार मिश्र ने कहा…

bharatt ki siksha ka asar hai ye sab jb kewal sign karna sikh jane se sakshar kahlayenge to yahi hoga.....