उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा मेरे लिखे गए कुलगीत का विमोचन हुआ साथ ही साथ संगीत बद्ध प्रस्तुति भी. यह क्षण मेरे लिए आह्लादकारी था. जब मेरी एक ग़ज़ल कविताकोष में सप्ताह की रचना चुनी गयी थी तब भी मन में ऐसे ही कुछ भाव थे.
मैंने कविताये १३ वर्ष की उम्र से लिखना शुरू किया. मुझे याद है की मै अपने गेहू के खेत में लोट लोट कर नीला आसमान निहारता था और मन में एक एक अजीब किस्म की अनुभूति महसूस करता.
मेरा गाँव जहाँ मेरा बचपन बीता हरियाली से पटा हुआ है वही हरियाली मेरी रचनाओं में मुखर होती है.
अब जबकि मै कंक्रीटों के जंगल में रहने लगा हूँ मुझे वही दिन हूक हूक कर याद आते है.और मुझमे कविता फूटने लगती है.मेरी पहली कविता बसंत ऋतु पर थी. इसके बाद मैंने जीवन की विषमताओ, देशकी स्थिति पर तमाम रचनाये की.
तरुणाई का असर मेरी लेखनी पर भी पडा जिनसे मेरे पाठक गण अच्छी तरह रूबरू है. कविता या गजल के अतिरिक्त मैंने गद्यसर्जन भी किया है जो अभी तक एकाध जगह के अलावा कही मैंने पोस्ट नही किया है. भविष्य में अवश्य करूंगा.
मैंने कविताये १३ वर्ष की उम्र से लिखना शुरू किया. मुझे याद है की मै अपने गेहू के खेत में लोट लोट कर नीला आसमान निहारता था और मन में एक एक अजीब किस्म की अनुभूति महसूस करता.
मेरा गाँव जहाँ मेरा बचपन बीता हरियाली से पटा हुआ है वही हरियाली मेरी रचनाओं में मुखर होती है.
अब जबकि मै कंक्रीटों के जंगल में रहने लगा हूँ मुझे वही दिन हूक हूक कर याद आते है.और मुझमे कविता फूटने लगती है.मेरी पहली कविता बसंत ऋतु पर थी. इसके बाद मैंने जीवन की विषमताओ, देशकी स्थिति पर तमाम रचनाये की.
तरुणाई का असर मेरी लेखनी पर भी पडा जिनसे मेरे पाठक गण अच्छी तरह रूबरू है. कविता या गजल के अतिरिक्त मैंने गद्यसर्जन भी किया है जो अभी तक एकाध जगह के अलावा कही मैंने पोस्ट नही किया है. भविष्य में अवश्य करूंगा.
बस आप सब का स्नेह और प्यार ऐसे मिलता रहे ईश्वर से ऐसी कामना करता हूँ.
18 टिप्पणियां:
Mast hai Sir Ji.........KYA BAT KYA BAT KYA BAT......
AAPKI SOCH TO SABSE HATKAR HAI.....REALLY THIS IS A GREAT EVENT IN UR LIFE AS WELL FOR US TOO.
JUST GO AHEAD TO CROSS THE HURDLE.
GOD MAY BE BLESSINGS FOR YOU......
JAI HO .........VIJAY HO
मुबारकां . ऐसे ही लिखते रहो . कविता पढ़ ली है गद्य भी पढ़ लेंगे .
हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।
तेरह साल की उम्र में यह तो आगे क्या होगा ? शुभकामनायें ....
बहुत बहुत बधाई सर!
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मूर्ख ही तो हैं
मुबारक हो पवन जी. आप कि कविताओं का तो मैं भी मुरीद हूँ. आगे आप और भी तरक्की करें ,यही दुआ है. आप कि यह पोस्ट मैं जौनपुर कि वेबसाइट www.jaunpurcity.in/hn के लिए ले रहा हूँ. आशा है आप को कोई एतराज़ ना होगा.
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें |
I am proud of you, dear.
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
bahut bahut badhai
पंडितजी,
आपको बहुत बहुत बधाई। यू आर रियली वैरी सिंपल, क्यूट एण्ड आल्हादकारी।
Mubarak Ho
कुलकवि तो बन गए अब आगे ........राष्ट्रकवि की बारी है
Congratulations sir
haardik subhkaamnayen aapko
मासूम भाई ज से जन्मस्थली जौनपुर क से कर्मस्थली कानपुर आप तो मेरे कार्यो के बारे मेरी मातृभूमि को सूचित कर रहे है इसमें ऐतराज नही आभार
HAARDIK BADHAAIYAAN.
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क्या ब्लॉगों की समीक्षा की जानी चाहिए?
क्यों हुआ था टाइटैनिक दुर्घटनाग्रस्त?
आपको बना के ईस्वर ने आपका सांचा तोड़ दिया की अब इस सांचे में कोई और डल नहीं सकता
कमाल हो सर....
लिखते रहो ....
बहुत बधाई और शुभकामनायें |
इसे बहुत से सौभाग्य आपकी जिन्दगी में आये
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