'मेरे जिक्र का जुबां पे सुआद रखना ' गाना बजते ही बुद्धू बक्सा टुंडे कवाब की कहानी बताने लगा मैंने टीवी बन्द कर अमरीक सिंह दीप की कड़े पानी का शहर उठा लिया।बकौल अमरीक सिंह दीप आप हिंदुस्तान की कितनी ही जगहों की मिठाई और चाट खाए हो लेकिन जो मजा कानपुर की मिठाइयो और चाट को चाटकर खाने में है वह ना तो बंबई में मिल सकती ना दिल्ली में | खाना खजाना का संजीव कपूर जब भी कानपुर आते है तो उनका ठेका ठग्गू के लड्डू पर ही होता है | बुद्धसेन स्वीट हाउस से संदेश , खोया, मंदी में हाथरस वाले की इमरतिया किसी श्रृगार रस की कविता की ही भांति रसीली हैआर्यनगर के घोष के रसगुल्लों का कहना ही क्या
| मिठाइयो में कानपुर का टक्कर सिर्फ बनारस ही ले पाता है भीखाराम महावीर प्रसाद और बिराहना रोड के अर्जुन सिंह की कचौड़ियाँ १६ दोनों में तरह तरह की सब्जियों चटनियों और रायते के साथ जब सामने होती है ... आह क्या कहने..
कानपुर में जलेबी सुबह हर हलवाई बनाता है जैसे मन्दिर में सुबह पुजारे भगवान् का पूजन करता है वैसे दही जलेबी का कलेवा करना यहाँ नाश्ते में शुमार है |कानपुर में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग अधिक रहते है लेकिन यह शहर किसी को भूखा नहीं सोने देता |
कानपुर में जलेबी सुबह हर हलवाई बनाता है जैसे मन्दिर में सुबह पुजारे भगवान् का पूजन करता है वैसे दही जलेबी का कलेवा करना यहाँ नाश्ते में शुमार है |कानपुर में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग अधिक रहते है लेकिन यह शहर किसी को भूखा नहीं सोने देता |
यहाँ के कारीगर गरीब हैं इसलिए भूख का दर्द जानते है | इसलिए कम से कम कीमत पर अपना उत्कृष्ट सामान उत्पादित कराते है नयागंजा चौराहे के कुछ दूर खडा होने वाला शंकर पानी के बताशे वाला अब भी दो रुपये में पानी के चार बताशे देता है लेकिन उसका बताशों का पानी अद्भुत होता है | जलतरंग की प्यालियों से सजे बताशों के पानी के मर्तबान | उनमें घुला सोंठ , जीरा , हींग पुदीना , खटाई और न जाने क्या क्या | खाने वाला एक बार खाना शुरू करता है तो गिनती भूल जाता है | क्या खाक मुबंई की पानी पूरी मुकाबला करेगी इनका।
पिछले बीस बरसों से कानपुर में सर्दियों में झाग वाला मक्खन खूब बिकता है मिट्टी की प्यालियों में हलके केसरी रंग के मक्खन की झाग
खाना ज़रा मुश्किल काम है पर यह झागदार मक्खन इतना स्वादिष्ट होता है कि एक प्याली से मन नहीं भरता
| ऐसे झागदार मक्खन के मुख्य बाजार बीराहाना रोड और नयागंज है |
कानपुर की चाट के लिए स्वाद के विकास में यहाँ के मेस्टन रोड से लेकर बिरहाना रोड तक फैले थोक के व्यापार के आढ़तियो का बड़ा हाथ है | टी टेस्टर की तरह ही ये सब चाट के स्वाद के मर्मज्ञ है | चाट में मसली का अनुपात ज़रा भी गड़बड़ाते ही ये टोक देते है - गुरु आज तुम्हारा जीरा ठीक से भुना नहीं है |
कानपुर में चाट की सबसे बड़ी दुकान पी. रोड पर हरसहाय जगदम्बा सहाय स्कूल के पास है - हनुमान चाट भण्डार. यहाँ चाट खाने के लिय खासे धैर्य की जरूरत है | धनिये वाले आलो, नवीन मार्केट में बिरहना रोड पर उम्दा मिलते हिया रिजर्व बैंक के सामने मुन्ना चाट भंडार , नवीन मार्केट में भोला चाट भण्डार हटिया का गिरिजा चाट भण्डार किदवई नगर का शुक्ला चाट भण्डार लाजपत नगर का लल्ला चाट भंडार व पांडू नगर का लूटू चाट भंडार कानपुर के मशहूर चाट भंडार है |
पाठको मुह में पानी आ रहा होगा ना
तो देर किस बात कि
अरे कुछ दिन तो गुजारिये कानपुर में
और कनपुरिये चटखारे क़ा फुलटाइम लुत्फ़ लीजिये
1 टिप्पणी:
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ’ट्रेजडी क्वीन अभिनेत्री के संग लेखिका नाज को नमन करती ब्लॉग बुलेटिन’ में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
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