इस नवरात्र के पावन अवसर पर मै सभी से एक बात कहना चाहता हूँ कि माता को प्रसन्न करने के लिए व्रत रतजगे कन्याभोज पूजा पाठ इत्यादि सब तब तक व्यर्थ है, केवल पाखण्ड मात्र है जब तक मन साफ़ नही है इस नवरात्र में यदि आप अगर माता रानी की पूजा करना चाहते है तो सबसे पहले एक काम करिए कि माँ को गाली देना बंद करे . नारी को लक्षित समस्त प्रकार की गालियों का उन्मूलन के अलावा कोई भी माध्यम नही है जिससे आपकी आराधना सफल हो . इस बार आप सब गाली न देने का व्रत करे और इसे पूरे जीवन पर्यंत निभाये इससे अच्छी पूजा और भेंट माँ नवरात्री में और हो ही नहीं सकती
मेरी प्रार्थना
अपनी दुर्बलताओ से जीतू शक्ति देना जगदम्बे
दुनियावी जालो से निकलू संबल देना माँ अम्बे
जयकारा रतजगा जागरण कभी नहीं कर पाऊंगा
मन ही मन में एक बार बस एक बार तुम्हे बुलाऊंगा
मेरी मद्धिम सी पुकार पर तुमको आना होगा
मै सोया रहता हूँ माते मुझे जगाना होगा
भले बुरे का परिचय देना और अंधेरो में ज्योति
गहरी पीड़ा से मुक्ति नहीं सहने की देना शक्ति
अंधियारों में दीपक बन जल जाने की इच्छा है
मानवता की सेवा में बलि जाने की इच्छा है
सदा रहे आशीष तुम्हारा छोटी सी ये अर्जी माँ
मुझमे मेरा जो कुछ है वो तेरा ही निमित्त है माँ
मुझमे मेरा जो कुछ है वो तेरा ही निमित्त है माँ
19 टिप्पणियां:
बेहतरीन पैग़ाम इस शुभ अवसर पे
नवरात्र के शुभ अवसर पर यह अनूठा उपहार है।
इसे तो भजन की तरह गाते गया।
इससे बेहतर माँ को क्या भेंट हो सकती है
कितनी बड़ी विडंबना है की एक तरफ माता के नाम पर व्रत रखे जाते है दूसरी तरफ सारी गालिया माँ से शुरू होती है यह दोगलापन ख़तम होना चाहिए. पवन जी के इस आवाहन में सभी लोग शरीक हो और जन जन तक पहुचाये.
आइए प्राण करते है कि आज से इस क्षण से ऐसी किसी भी भाषा का प्रयोग नही करेगे जिसमे ममतामयी माँ नाम का अपमान होता है.
सुन्दर रचना, हमें मां से क्षणभंगुर भौतिक वस्तुओं की जगह ऐसी ही प्रार्थना करनी चाहिए (दुनियावी जालो से निकलू संबल देना माँ अम्बे)।
आपके द्वारा उठाए गए बात से मैं शत प्रतिशत सहमत, मां को अपशब्द बोलना बंद होना ही चाहिए (वैसे तो मैं किसी भी प्रकार के अपशब्द के प्रयोग के विरुद्ध हूँ)।
अच्छा संदेश!!
वाह! बेहतरीन अवसर पर बेहतरीन सन्देश!
सत्य वचन . जननी को अपशब्द , सृष्टि का अपमान जैसा. आदिशक्ति को समर्पित भजन अच्छी लगी .
बहुत बढिया सन्देश, आशा है सभी इसे अधिकतम निभाने की कोशिश करेंगे
नए संवत २०६८ विक्रमी की हार्दिक बधाई।
नया साल आपके और आपके कुटुंब को आनंद प्रदायी हो।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
aap ki kavita ko kavita samajh kar na dekhe use jivan me utare matarani se yahi kamna hai
MAA ko mera pranam........
Hum sabhi ke jeevan me khushiya aur samridhi failate hua....aage le chale.
Is desh ko isi tarah samman aur pratistha milti rahe......
Jai HO MAA jai HO hind Jai HO Bharat...........
इससे बेहतर माँ को क्या भेंट हो सकती है
सुन्दर रचना
मुझमे मेरा जो कुछ है वो तेरा ही निमित्त है माँ
bahut sundar
गहरी पीड़ा से मुक्ति नहीं सहने की देना शक्ति
बहुत खूबसूरत
गाने की कोशिश की पर ................
माँ को प्रणाम. पाठक बंधुओं के लिए एक अच्छा सन्देश.......
बहुत खूबसूरत
जय हो...
सत्य वचन . जननी को अपशब्द ,अच्छा सन्देश..
Sahi soch....
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क्या ब्लॉगिंग को अभी भी प्रोत्साहन की आवश्यकता है?
भले बुरे का परिचय देना और अंधेरो में ज्योति
गहरी पीड़ा से मुक्ति नहीं सहने की देना शक्ति
बहुत ही भावपूर्ण अंतस से निकली माँ की स्तुति..बहुत सुन्दर
इस मौके पर आपका आह्वान बहुत ही सार्थक है..माँ, बहन के नाम का अपमान नहीं होना चाहिए..
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