नून जईसे गले है उमरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
ओही सहरिया में उज्जर अन्हरिया
ओही सहरिया में उज्जर अन्हरिया,
अंगना में उतरी अंजोरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
ओही सहरिया में लाला के नोकरिया
ओही सहरिया में लाला के नोकरिया,
ऊसर कईले खेत कियरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
ओही सहरिया में बईठी है सवतिया
ओही सहरिया में बईठी है सवतिया,
कहाँ गईले चंदा के चकोरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
नून जईसे गले है उमरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू ।
1 टिप्पणी:
वाह, कितनी सुंदर मनुहार भरी कविता।
एक टिप्पणी भेजें