tag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post7029221175711867060..comments2023-09-23T03:41:08.849-07:00Comments on 'दि वेस्टर्न विंड' (pachhua pawan): ब्लागिंग के धन्धेबाज बनाम ट्रैवल एजेंट: एक विश्लेषणPAWAN VIJAYhttp://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-81605369363569171282013-05-04T20:18:58.253-07:002013-05-04T20:18:58.253-07:00धन्धेबाज v/s फ़ंदेबाज ...ट्वेंटी-ट्वेंटी ..मैच चालू...धन्धेबाज v/s फ़ंदेबाज ...ट्वेंटी-ट्वेंटी ..मैच चालू आहे ..ई विश्लेषण था कि कमेंटरी जी :) अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-3376358423200078022013-05-04T08:01:23.672-07:002013-05-04T08:01:23.672-07:00संगीता जी से पूरी तरह सहमत . अब क्या करें ? सिर्फ ...संगीता जी से पूरी तरह सहमत . अब क्या करें ? सिर्फ कलम चलने से तो कुछ होता नहीं है . सो रास्ते तो और खोजने ही पड़ते है . अवसर बहुत सारे है हाँ उनको पहचानने की जरूरत है. रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-48143933006730892472013-05-04T06:27:20.206-07:002013-05-04T06:27:20.206-07:00कित्ता तो मेहनत कर रहे हैं लोग ब्लॉगिंग के लिये और...कित्ता तो मेहनत कर रहे हैं लोग ब्लॉगिंग के लिये और तुम लोगों को धंधेबाज कह रहे हो- शिबौ शिव!<br /><br />वैसे नाम बदलना चाहिये-"अंतर्राष्ट्रीय ट्रेवल एजेंट ब्लॉग सम्मान समारोह टाइप" कुछ करना चाहिये उनको।<br /><br />जल्दी पैसा जमाकरने वाले को कुछ अतिरिक्त सम्मान देना चाहिये।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-75510921390190151592013-05-04T05:57:46.353-07:002013-05-04T05:57:46.353-07:00हर जगह है गड़बड़ घोटाला..हर जगह है गड़बड़ घोटाला..रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-15536747493711995222013-05-03T23:09:44.377-07:002013-05-03T23:09:44.377-07:00पहले सरस्वती और लक्ष्मी का अलग अलग ठिकाना होता थ...पहले सरस्वती और लक्ष्मी का अलग अलग ठिकाना होता था ..<br />आज के युग में सरस्वती भी लक्ष्मी के बिना किसी के पास नहीं रहना चाहती ..<br />इसलिए लक्ष्मी को हासिल करना भी आज सरस्वती के साधकों की मजबूरी बन गयी है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-32922607230010250252013-05-03T23:07:15.606-07:002013-05-03T23:07:15.606-07:00पहले लक्ष्मी और सरस्वती का अलग अलग ठिकाना होता थ...पहले लक्ष्मी और सरस्वती का अलग अलग ठिकाना होता था ..<br />आज के युग में सरस्वती भी लक्ष्मी के बिना किसी के पास नहीं रहना चाहतीं ..<br />लोगों के नजरिए को देखकर लक्ष्मी को प्राप्त करना सरस्वती के साधकों की भी मजबूरी हो गयी है !!<br />संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-15040675259703854012013-05-03T22:09:45.950-07:002013-05-03T22:09:45.950-07:00पवन जी मुझे यह देख ख़ुशी हुई की आप में सच कहने की ...पवन जी मुझे यह देख ख़ुशी हुई की आप में सच कहने की हिम्मत है | लेकिन लोगों में सत्य सहने की हिम्मत नहीं है | S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-60890702362678934842013-05-03T18:09:36.047-07:002013-05-03T18:09:36.047-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (04-05-2013) <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/05/blog-post.html" rel="nofollow"> दो मई की वन्दना गुप्ता जी के चर्चा मंच आपकी नज़र आपका कथन में "मयंक का कोना" </a> पर भी है!<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-73222305831970271552013-05-03T17:35:57.267-07:002013-05-03T17:35:57.267-07:00अब इस आदमी ने जिसे निकाल दिया गया था सोचा ये तो ब...अब इस आदमी ने जिसे निकाल दिया गया था सोचा ये तो बड़ा आसन रास्ता हैं<br /><br />पहले लोगो से पैसा जमा करवाओ<br />और वो नए नए रास्ते खोजने लगा<br /><br /><br />उसकी कोशिश रंग लाई आज उसके पास भी एक अखबार हैं और एक एडिटर हैंhttp://mypoeticresponse.blogspot.in/2013/04/blog-post_15.htmlसेबी उसको भी बुलायेhttp://mypoeticresponse.blogspot.in/2013/04/blog-post_5821.htmlnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3992548499774294237.post-86747638013705306602013-05-03T17:33:34.637-07:002013-05-03T17:33:34.637-07:00भगवान इन धन्धेबाजो और दलालो से ब्लागिंग साहित्य क...भगवान इन धन्धेबाजो और दलालो से ब्लागिंग साहित्य को बचाये ऐसी कामना करता हू.<br /><br />आमीन<br />इतने घोटालो ले बीच अब यहाँ भी घोटाला होगा ही बहुत कुछ दिखा ७ साल की हिंदी ब्लोगिंग मेंhttp://mypoeticresponse.blogspot.in/2013/05/blog-post.htmlnoreply@blogger.com