शनिवार, 30 अप्रैल 2016

सहरिया से आई जाओ बलमू

नून जईसे गले है उमरिया सहरिया से आई जाओ बलमू
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू

ओही सहरिया में उज्जर अन्हरिया
ओही सहरिया में उज्जर अन्हरिया,

अंगना में उतरी अंजोरिया सहरिया से आई जाओ बलमू
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू

ओही सहरिया में लाला के नोकरिया
ओही सहरिया में लाला के नोकरिया,  

ऊसर कईले खेत कियरिया सहरिया से आई जाओ बलमू
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू

ओही सहरिया में बईठी है सवतिया
ओही सहरिया में बईठी है सवतिया,

कहाँ गईले चंदा के चकोरिया सहरिया से आई जाओ बलमू
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू

नून जईसे गले है उमरिया सहरिया से आई जाओ बलमू
सून भईले कब से बखरिया सहरिया से आई जाओ बलमू






1 टिप्पणी:

Vandanagupte55 ने कहा…

वाह, कितनी सुंदर मनुहार भरी कविता।