मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

एक महत्वपूर्ण सूचना: कृपया ध्यान दे

एक महत्वपूर्ण सूचना: कृपया ध्यान दे


















ब्लॉग  और पत्र पत्रिकाए साहित्य की दो अलग अलग विधाए है किन्तु दोनों का उद्देश्य एक है जहा इलेक्ट्रानिक माध्यम (ब्लॉग) में पाठको की प्रतिक्रिया तुरंत मिल जाती है वही प्रिंट माध्यम में प्रतिक्रियाये न के बराबर मिलती है लेकिन प्रिंटेड साहित्य पढने का गुनने का अपना एक अलग आनंद होता है. इसीलिये हम सोचते है की हमारे द्वारा लिखी गयी रचनाओं को किसी पत्र या पत्रिका में स्थान मिले. "मीडिया और आप" की लोकप्रियता का शायद यह एक प्रमुख कारण है. इस बात को मद्देनज़र रखते हुए राष्ट्रीय हिंदी मासिक "माटी" जिसका कि मै प्रबंध सम्पादक हूँ , समस्त ब्लागर्स की   श्रेष्ठ रचनाये   आमंत्रित करती है. आपकी रचनाये कृतिदेव अथवा यूनीकोड  में टंकित होनी चाहिए आप उसे मेरे ई मेल pkmkit@gmail.com  पर भेज सकते है.

21 टिप्‍पणियां:

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

इस प्रयास के लिए हार्दिक बधाई।

............
ब्‍लॉगिंग को प्रोत्‍साहन चाहिए?
लिंग से पत्‍थर उठाने का हठयोग।

Udan Tashtari ने कहा…

सार्थक प्रयास!

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

सुंदर प्रयास भाई पवन जी बधाई और शुभकामनाएं

Shah Nawaz ने कहा…

अरे वाह! यह तो अच्छा प्रयास है.... भेजते है भाई....

SURYABHAN CHAUDHARY ने कहा…

मैंने अपनी रचना भेजी है प्रोफ़ेसर साहब अगर सही लगे तो उचित कार्यवाही कीजियेगा
....आपका सूर्यभान चौधरी

Bhaskar ने कहा…

सार्थक प्रयास...बधाई और शुभकामनाएं l

Gyan Darpan ने कहा…

बढ़िया प्रयास |
किसी भी ब्लॉग की रचना छापते समय कृपया उस ब्लॉग का नाम पता जरुर लिखें |

Neel Shukla ने कहा…

very congrats for this great effort....Hope u will cross the hurdle

ashish ने कहा…

बढ़िया और प्रशंसनीय प्रयास . साधुवाद .

Advocate Saleem ने कहा…

सार्थक प्रयास, यक़ीनन ! लेकिन जो आपको बधाइयां दे रहें है, उनमें एक एक भी आपको अपनी रचनाएं नहीं भेजेंगे, चैलेन्ज है इस बात का !

यकीन न हो तो मुझे कॉल करें 9838659380


सलीम

PAWAN VIJAY ने कहा…

मेरे पास सूर्यभान और नील की रचनाये है
आप भी भेजो सलीम जी (वैसे आप है कौन ?)
बडबोलापन ठीक नही आप किस भरोसे चैलेन्ज करते है

PAWAN VIJAY ने कहा…

...और ये ना समझिये कि मेरे पास श्रेष्ठ रचनाओं की कमी है बल्कि मै रचनाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए ऐसा कर रहा हूँ तथा पाठको को कुछ नवीन लेखक और कवि, चिन्तक मिलेगे

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

सुंदर प्रयास के लिए सुंदर सुंदर शुभकामनाएं। आप मेरे ब्‍लॉगों से कोई भी रचना नि:संकोच उठा सकते हैं, बशर्ते पसंद आ रही हो। बस प्रकाशनोपरांत मुझे सूचित भर कर दीजिएगा।

एक से कम कीमत में हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग पर दो पुस्‍तकें खरीदने और उसमें अपना विवरण बिल्‍कुल फ्री दर्ज करवाने का स्‍वर्णिम अवसर

Harshkant tripathi"Pawan" ने कहा…

इस देशी माटी की महक पूरे देश में फैले. अनंत शुभकामनायें...

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

सुन्दर प्रयास, अवश्य ही कुछ भेजेंगे. कृपया एक सुझाव दे रहे हैं, अन्यथा न लीजियेगा....रचनाएँ भेजने की अंतिम तारीख का जिक्र भी कर देते तो बेहतर रहता.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

PAWAN VIJAY ने कहा…

कुमारेन्द्र जी अन्यथा लेने वाली कोई बात नही है
"माटी" एक मासिक पत्रिका है आप रचनाये भेजिए कोई अंतिम तारीख नियत नही है. यथासमय और स्थान के अनुसार रचनाये छपेंगी
रचना छपने के बाद आपको सूचित कर दिया जाएगा
धन्यवाद

मनोज कुमार ने कहा…

बढिया प्रयास है। इस प्रयास को बढावा मिलना चाहिए। ज़रूर शामिल होगे।

News And Insights ने कहा…

एक अच्छा प्रयास है हमारा सहयोग ज़रूर मिलेगा|

बेनामी ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
बेनामी ने कहा…

क्षमा चाहता हूं पवन जी आपके पोस्ट पर देर से आने के लिए।

आपका प्रयास सराहनीय है , इससे उदीयमान लेखकों को बहुत सम्बल मिलेगा, अनगढ पाठकों की प्रतिक्रिया पा कर और सुगढ होंगे।

एक बात कहना चाहता हूं - महान वो लोग होते हैं जो अपने युग के लोगों से बेहतर होते हैं, और वो और महान होते हैं जो अपने युग (और लोगो) को बेहतर बनाते हैं।

आपको रचनाओं की कमी होगी ऐसा तो मैं स्वप्न मे भी नही सोचता (कुछ बंद्बुद्धि, हां बंदबुद्धि, लोगो की बात छोड दीजीए), मेरी रचना का नम्बर लगेगा क्या यह डर है मात्र, फिर भी भेजूंगा।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सार्थक प्रयास...हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!