शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

एक आह्लादकारी क्षण

 उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा मेरे लिखे गए कुलगीत का विमोचन हुआ साथ ही साथ संगीत बद्ध प्रस्तुति भी. यह क्षण मेरे लिए आह्लादकारी  था. जब मेरी एक ग़ज़ल कविताकोष में सप्ताह की रचना चुनी गयी थी तब भी मन में ऐसे ही कुछ भाव थे.


मैंने कविताये १३ वर्ष की उम्र से लिखना शुरू किया. मुझे याद है की मै अपने गेहू के खेत में लोट लोट कर नीला आसमान निहारता था और मन में एक एक अजीब किस्म की अनुभूति महसूस करता.
मेरा गाँव जहाँ मेरा बचपन बीता हरियाली से पटा हुआ है वही हरियाली मेरी रचनाओं में मुखर होती है.
 अब जबकि मै कंक्रीटों के जंगल में रहने लगा हूँ मुझे वही दिन हूक हूक कर याद आते है.और मुझमे कविता फूटने लगती है.मेरी पहली कविता बसंत ऋतु पर थी. इसके बाद मैंने जीवन की विषमताओ, देशकी स्थिति पर तमाम रचनाये की.
तरुणाई का असर मेरी लेखनी पर भी पडा जिनसे मेरे पाठक गण अच्छी तरह रूबरू है.  कविता या गजल  के अतिरिक्त मैंने गद्यसर्जन भी किया  है जो अभी तक एकाध जगह के अलावा कही मैंने पोस्ट नही किया है.  भविष्य में अवश्य करूंगा.
 बस  आप सब का स्नेह और प्यार ऐसे मिलता रहे ईश्वर से ऐसी कामना करता हूँ.


18 टिप्‍पणियां:

Neel Shukla ने कहा…

Mast hai Sir Ji.........KYA BAT KYA BAT KYA BAT......
AAPKI SOCH TO SABSE HATKAR HAI.....REALLY THIS IS A GREAT EVENT IN UR LIFE AS WELL FOR US TOO.

JUST GO AHEAD TO CROSS THE HURDLE.
GOD MAY BE BLESSINGS FOR YOU......
JAI HO .........VIJAY HO

ashish ने कहा…

मुबारकां . ऐसे ही लिखते रहो . कविता पढ़ ली है गद्य भी पढ़ लेंगे .

vandana gupta ने कहा…

हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।

Sunil Kumar ने कहा…

तेरह साल की उम्र में यह तो आगे क्या होगा ? शुभकामनायें ....

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत बहुत बधाई सर!

----------------
मूर्ख ही तो हैं

एस एम् मासूम ने कहा…

मुबारक हो पवन जी. आप कि कविताओं का तो मैं भी मुरीद हूँ. आगे आप और भी तरक्की करें ,यही दुआ है. आप कि यह पोस्ट मैं जौनपुर कि वेबसाइट www.jaunpurcity.in/hn के लिए ले रहा हूँ. आशा है आप को कोई एतराज़ ना होगा.

Manish ने कहा…

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें |

I am proud of you, dear.

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

Deepak Saini ने कहा…

bahut bahut badhai

किलर झपाटा ने कहा…

पंडितजी,
आपको बहुत बहुत बधाई। यू आर रियली वैरी सिंपल, क्यूट एण्ड आल्हादकारी।

Taarkeshwar Giri ने कहा…

Mubarak Ho

SURYABHAN CHAUDHARY ने कहा…

कुलकवि तो बन गए अब आगे ........राष्ट्रकवि की बारी है

Alokita Gupta ने कहा…

Congratulations sir
haardik subhkaamnayen aapko

PAWAN VIJAY ने कहा…

मासूम भाई ज से जन्मस्थली जौनपुर क से कर्मस्थली कानपुर आप तो मेरे कार्यो के बारे मेरी मातृभूमि को सूचित कर रहे है इसमें ऐतराज नही आभार

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

HAARDIK BADHAAIYAAN.

-----------
क्या ब्लॉगों की समीक्षा की जानी चाहिए?
क्यों हुआ था टाइटैनिक दुर्घटनाग्रस्त?

UMESH ने कहा…

आपको बना के ईस्वर ने आपका सांचा तोड़ दिया की अब इस सांचे में कोई और डल नहीं सकता
कमाल हो सर....

Unknown ने कहा…

लिखते रहो ....
बहुत बधाई और शुभकामनायें |

दीपक कुमार मिश्र ने कहा…

इसे बहुत से सौभाग्य आपकी जिन्दगी में आये